हास्य सकाळ - 1006 ..द पेरेबल ऑफ द पाईप लाईन (लेखक- बर्क हेजेस) भाग -एक



हास्य सकाळ -1006



द पेरेबल ऑफ द पाईप लाईन 

(लेखक- बर्क हेजेस)

भाग -एक 

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 बहुत समय पहिले की बात दो महत्वकांशी लडके जो आपस मे रिश्तेदार भी दे इटली के छोटेसे गाव मे  रहा करते थे . एक का नाम पेबलो और दुसरे का नाम ब्रूनो था.इन की आपस मे खूप जमती थी इन दोनो को ही सपने देखने का शोक था हमेशाही ये बाते किया करते थे कि कैसे एक ना एक दिन वे गाव के सबसे धनी व्यक्ती बन जायेंगे वेळ दोन्हो बहुत मेहनती थे बस उन्हे एक अवसर की तलाश थी एक दिन व अवसर आ गया . गाव के लोगो को पानी की बहुत तकलीफ थी लोगो को नदी से पानी गाव मे लाना पडतात तालाब मिलना पडता था गाव वालो को ऐसे दो व्यक्तियों की तलाश थी जो नदी से पाणी ला कर तलाब मे डाल सके अरुण की प्यास बुझा सके और काम करने का ठाण लिया और गाव वालों ने इन दोनो को यह काम सोफ दीया वह यह काम करने लगे .



दोनों ने एक एक बाल्टी हात मे ली और नदी की तरफ बढ गये दिन के समाप्त होणे तक उन्होने शहर के तलाब को लबालब भर दिया था गाव के लोगो ने उन्हे प्रति बालटी एक   एक रुपये की दर से उनका   भुगतान कर दिया.


ब्रूनो बोला  चिल्लाया हमारा सपना सच हो गया पर पे पेबलो इस बात पर जाता खुश नही था उसने कहा मै नही मानता की यह हमारे बेहतर किस्मत है उसकी कमर मे भी दर्द था तथा पानी से भरी बालटी उठाने की  हिम्मत उसमे नही बची थी नही बची थी की व दुसरे दिन सबेरे काम पर जाये उसने कसम खाई की वो नदीसे गाव तक पाणी पोहोचणे का दुसरा तरीका खोज निकलेगा दुसरे दिन....




दुसरे दिन सबेरे जबवे लोग अपने बकेट को हात मे लेकर पाणी लाने चले तो पेबलो ने कहा ब्रो मेरे पास एक योजना आहे रोज कुछ पैसे के लिए पानी से भरी बाल्टी उठाने के बजाये हम क्यू नही गाव से लेकर नदी तक का एक पाईपलाईन तयार करते करते है.


इस सवाल पर ब्रूनो ने कहा एक पाईपलाईन ये क्या बला होती है .हमे एक बडा काम मिला है  प्रतिदिन सो बकेट पाणी ला सकता हु प्रति बकेट एक रुपया यांनी प्रतिदिन एक डॉलर में मै अमीर हो जाऊंगा इस सप्ताह के अंत तक मै एक जोडी नई जूते खरी सकता हु महिने के अंत तक मैने गाय खरीद सकता हूँ महिने के बाद मे एक न ई झोपडी बना सकता हु हमारे पास शहर की सबसे अच्छी नोकरी है प्रत्येक सप्ताह के अंत मे हमे छुट्टी मिलती है प्रती वर्ष हमे दो सप्ताह की वेतन के साथ छुट्टी मिलेगी हम पूरी जिंदगी व्यवस्थित तरीके से गुजर सकते है अपने पाईपलाईन वाली बात को ही खत्म कर दो ऐसा  ब्रूनो ने कहा.



पर पेबलो इतनी आसानी से हताश होने वाला नही था उसने बडे धैरेश के साथ अपने योजना के बारे मे अपने सबसे अच्छे दोस्त को बताया था वे दिनभर  बकेट से से पानी भरा करता था तथा आधी दिन और सप्ताह के अंत मे पाईपलाईन तयार किया करता था वो जानता था की चट्टानो के बीच पाईपलाईन तयार करणा. एक कठीण काम था वही जाणता था की आधी दिन काम करने से उसकी आमदनी भी कम हो जायेगी जानता था कि इस पाईपलाईन का लाभ लेने मे उसे वर्षो लग सकते है पर उसे आपने सपने मे विश्वास था और काम करता रहा...


ब्रूनो तथा गाव के अन्य लोक उसे पेबलो" द पाईपलाईन मॅन"  कहकर उसका मजाक उडाने लगे थे.  ब्रूनो तुलना मे दो गुना कमाई कर रहा था. नई नई चीजो को खरीद मे व्यस्त था उसने चमडे के जीन से सजाये गदगाह खरीद लिया था जो उसके नये दो मंजिले झोपडे के सामने खडा रहता था उसने अच्छे कपडे खरेदी  तथा व समारोह मे जाकर अच्छा खाना भी खाने लगा था हॉटेल मे जाकर अच्छा खाना भी खाने लगा था .गाव के लोगो से मिस्टर ब्रूनो कह कर बुलाते थे. तथा व जब मदिरालय  मे इमेज जाकर चुटकुले सुना था तो लोग बहुत खुश हुआ करते थे और उसकी तारीफ किया करते थे. 




छोटे काम के छोटे परिणाम होते है इसी तरह...


जब की ब्रूनो अपनी शाम और सप्ताह दिन मौज मस्ती मे गुजार रहा था तथा पेबलो अपने पाईपलाईन खोदणे मे व्यस्त था. पहिले कुछ महिने प्रयासो का कुछ खास परिणाम नही देखा लेकिन बेशक उसका काम काफी मेहनत वाला था यहाँ तक की ब्ब्रनो से भी ज्यादा मेहनत वाला काम किया करता था पर वह सदैव इस बात को स्मरण करता था की कल के सपनो का निर्माण आज के त्याग  पर ही किया जा सकता है. एक समय पर एक इंची खोद पाता था वह मन ही मन कहा करता था की इन चिंज के सहारे ही व एक दिन अपने कार्य को पूरा कर लेगा. और इसी उत्साह से व चट्टाणी मिट्टी को खोदता जाता था . एक इंच एक फूट मे बदला फिर दस फुट मे और बिस फुट  सो फूट मे बदल गया यह उसे पता ही नही चला वह काम करता चला गया....



पेबलो  जब भी वह दुसरे दिन के काम से थका हुवा लौटता था तो वह मन ही मन सोचता था की छोटे समय के लिए तकलीफ कुछ बडा प्राप्त करने के बराबर होती है. वो अपने दैनिक लक्ष को पूरा करते हुए सोचा करतात की समय आने पर एक दिन उसके प्रयासो का परिणाम उसे जरूर मिलेगा.



आपनी नजर पुरस्कार पर रखो व इस बात को बार बार दोहराया था जब भी उसके कानोमे गाव वालो की हसी सुनाई पडती थी.वह अपनी आँखें पुरस्कार पर रखो यह बात  मनमें दोहराया करता था.



स्थितीया बदलने लग गई थी दिन महिने मे  बिते गये महिने मे बदल गये . एक दिन पेबलो ने महसूस किया की उसकी पाईपलाईन आधी तयार हुई है इसका अर्थ था की पाणी भरणे के लिए सिर्फ कुछ दूर दूर ही चलना पडेगा. उसणे अतिरिक्त समय का उपयोग आपने पाईपलाईन पर काम करना शुरू कर दिया. कार्य के पुरे होने की तारीख अपने विश्वास के दौरान दिखने लगी थी. जब की ब्रूनो थक गया था उसके कंधे पहले से ज्यादा झुक गये थे. वह दर्द के कारण बुढा दिखने लगा था लगातार चलने के कारण उसके पैरो मे तकलीफ होने लगी थी. वह यह सोचकर बहुत गुस्सा हो जाता था की उसे पुरी जिंदगी यही काम करना पडेगा.




ब्रूनो आपणा समय अब मदिरालय मे गुजारने लगा था .जब वहां‌ के लोग उसे  आते देखते थे तो वे आपस मे बाते करते थे देखो  बकेट मॅन आ रहा है. ये लोक उसकी गलतीयो पर हसा करते थे तथा व्यंग किया करते थे .अब अब वह लोगो  को चुटकुले नही सुनाता था. तथा वह एक  कोणे मे खाली बोटल के बीच बैठना पसंद करता था.



आखिर मे पेबलो की जिंदगी मे वो दिन भी आ गया, पाईपलाईनसे आने वाले पानी से तलाव भरणे लगा अब लोगो के पानी की तकलीफ कम हो गई आसपास के लोग भी वहा पानी लेने आने लगे  पर पेबलो सोचने लगा की और बहुत कुछ काम करना बाकी है ये  यह काम एक सिमीत या मर्यादित काम हो गया इस काम को और बढाना पडेगा. और इस काम को कैसे बढाया जाय यह पे पेबलो सोचने लगा.... इसके लिये क्या किया जाये......


(कहानी अभी बाकी है)

(आगे की कहानी भाग 2 मे पढीए)   


(आपसे विनंती है की कहानी अच्छी लगे तो कहानी के बारे मे अपना अभिप्राय कॉमेंट मे लिखना ना भूलिए )

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